सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
रंग परसाई स्वतंत्रतापूर्व साहित्य का जायजा लेना हो तो, प्रेमचंद का साहित्य और स्वातंत्रोत्तर भारत का सही जायजा लेने के लिए हरिशंकर परसाई। आजादी के बाद के मोहभंग को परसाई ने जिस मुखरता से अभिव्यक्त किया है,उसकी दूसरी मिसाल हिन्दी में दुर्लभ है। विसंगतियो को उजागर करने में उनकी जैसी महारता किसी के पास नही। मैनें परसाई जी की व्यंग सूक्तियो को अपनी रेखाओ का आधार बना कर जो कूछ भी रचा है,वह परसाई जी की रचना का विस्तार ही है। आज से तीन बरस पहले से परसाई जी के शब्दो को चित्रो मे सँजोता रहा हूँ।
2 टिप्पणियां:
रंग परसाई ब्लागजगत का अनमोल ब्लाग है। कृपया एक जानकारी आप डूबेजी पर दीजिए,रंगपरसाई तक ज्यादा से ज्यादा लोग पँहुच सकें।जहाँ भी आप टिपण्णी दें उसके नींचे रंग परसाई अवश्य लिखे।
निश्चित ही यह ब्लाग जगत के लिए उपलब्धि है। सर्वश्रेष्ठ ब्लाग....थोडे प्रचार की आवश्यकता है,बस।
रंग परसाई ब्लागजगत का अनमोल ब्लाग है। कृपया एक जानकारी आप डूबेजी पर दीजिए,रंगपरसाई तक ज्यादा से ज्यादा लोग पँहुच सकें।जहाँ भी आप टिपण्णी दें उसके नींचे रंग परसाई अवश्य लिखे।
निश्चित ही यह ब्लाग जगत के लिए उपलब्धि है। सर्वश्रेष्ठ ब्लाग....थोडे प्रचार की आवश्यकता है,बस।
एक टिप्पणी भेजें